चाचा जी का लंड लेते ही भतीजी की ठंड दूर हो गयी (chacha bhatiji ki chudai thandi me)

Chacha Bhatiji Sex Story: यह कहानी एक युवा लड़की पिंकी और उसके चाचा के बीच की है, जो एक सर्द रात में घटित हुई। पिंकी, जो लखनऊ की रहने वाली थी और दिल्ली में पढ़ाई कर रही थी, मुखर्जी नगर में कोचिंग कर रही थी। उसके चाचा, जो फरीदाबाद में आईटी कंपनी में काम करते थे, हाल ही में शादीशुदा थे। लेकिन उनकी पत्नी मायके में थी, क्योंकि वह गर्भवती थीं।

असली आवाज में चुदाई की कहानी(Audio Sex Story) सुनाएं

छुट्टियों के दौरान पिंकी शुक्रवार शाम को चाचा के घर आई।

रात में, पिंकी और चाचा ने साथ में डिनर किया। चाचा ने व्हिस्की ऑफर की, जिसे पिंकी ने मना नहीं किया, क्योंकि उसे पहले से पीने की आदत थी। दोनों ने जोमाटो से मंगाए गए खाने के साथ व्हिस्की का आनंद लिया। बातों और हंसी-मजाक के बीच पिंकी ने एक पेग ज्यादा ले लिया, जिससे नशा तेज़ हो गया।

खाना खत्म होने के बाद पिंकी चाचा के बेड पर जाकर सो गई। चाचा जब बाथरूम से लौटे, तो उन्होंने पिंकी को दूसरे कमरे में जाकर सोने को कहा। लेकिन पिंकी ने जवाब दिया, “कोई बात नहीं, हम साथ सो सकते हैं।” चाचा ने ज्यादा कुछ नहीं कहा और एक ही कंबल के नीचे दोनों सो गए।

नशे की हालत में, चाचा का हाथ पिंकी की बड़ी-बड़ी गोल छातियों पर गया। यह महसूस करते ही पिंकी थोड़ी सीधी हो गई। धीरे-धीरे चाचा ने उसके स्तनों को सहलाना शुरू किया। पिंकी भी खुद को रोक नहीं सकी और उनके बदन को सहलाने लगी। उसने पहली बार चाचा के लंड को पकड़ा।

दोनों के बीच का फासला अब खत्म हो चुका था। उनके होठ आपस में चिपकने लगे, और दोनों एक-दूसरे को गहराई से चूमने लगे।

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चाचा ने नीचे का कपड़ा उतार दिया और पिंकी के सामने नंगे हो गए। पिंकी का ध्यान तुरंत उनकी ओर गया, और उसने रजाई के अंदर जाकर उनके मोटे लंड को मुँह में ले लिया। वह गले तक उसे अंदर ले जा रही थी और फिर बाहर निकाल रही थी। लंड पर हल्का नमकीन स्वाद था, जो उसे महसूस हो रहा था।

एक पल के लिए पिंकी को उल्टी जैसा महसूस हुआ, तो वह लेट गई। चाचा ने यह देखा और तुरंत उसके कपड़े उतारने की कोशिश की। पिंकी ने खुद उठकर अपने सारे कपड़े उतार दिए और वापस लेट गई।

चाचा ने कमरे का हीटर चालू किया और लौटकर पिंकी की दोनों टांगों को अलग किया। उन्होंने उसकी गांड के नीचे तकिया रखा और अपनी जीभ से चूत को चाटना शुरू कर दिया। पिंकी की मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं: “ओह्ह्ह्ह… आआ… उफ्फ्फ!”

चाचा कभी-कभी ऊँगली भी चूत में डालते और फिर उसे अपने मुँह में ले जाकर चाटते। पिंकी ने यह सब महसूस करते हुए अपनी अंगड़ाइयाँ लीं।

चाचा ने पिंकी को उलटा कर दिया और उसे घुटनों के बल आने को कहा। पिंकी ने उनकी बात मानते हुए घुटनों के बल सिर झुका लिया और अपनी गांड उठा दी। चाचा ने अब उसकी गांड को पीछे से चाटना शुरू कर दिया। पिंकी के मुँह से फिर सिसकारियां निकलने लगीं, “ओह्ह्ह्ह… उफ्फ्फ!”। वह खुद को संभाल नहीं पा रही थी और लगातार गुदगुदी और उत्तेजना महसूस कर रही थी।

इसके बाद, चाचा ने चूत और गांड दोनों को चाटना शुरू कर दिया। पिंकी अब पूरी तरह से पानी-पानी हो चुकी थी। वह कभी अपनी चूचियों को अपने हाथों से मसलती, तो कभी अपने होठों को दांतों से दबा लेती। उसके नशे और वासना का असर उसके लाल-लाल आँखों में साफ दिखाई दे रहा था।

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पिंकी अपनी उत्तेजना को और रोक नहीं पाई। उसने खुद को पलटकर सीधा कर लिया और अपनी टांगों को चौड़ा कर दिया। चाचा ने बिना देर किए अपना मोटा लंड उसकी जाँघों के बीच रखा और चूत में घुसाने की कोशिश की। चूत का छेद पतला होने के कारण लंड अंदर जाने में परेशानी हो रही थी। पिंकी ने तुरंत अपनी गांड को तकिये पर रखा, दोनों पैर फैला दिए, और अपनी चूत को अपने हाथों से चीर दिया।

चाचा को यह रूप देखकर और भी ज्यादा उत्तेजना हो गई। उन्होंने तुरंत चूत के छेद पर अपने लंड का सुपाड़ा रखा और एक जोर का धक्का दिया। पिंकी हल्की चीख के साथ कराह उठी, लेकिन कुछ ही देर में वह भी इसे महसूस करने लगी और आनंद लेने लगी।

चाचा अब लंड को अंदर-बाहर कर रहे थे। पिंकी के होठों पर चाचा कभी-कभी किस करते, तो कभी उसकी गर्दन पर। उन्होंने उसकी छाती पर मसलने के लिए हाथ रखा और उसकी निप्पल को अपने मुँह में ले लिया। पिंकी की चूचियां चाचा की छाती से चिपकी हुई थीं, और वह लगातार कराह रही थी, “ओह्ह्ह्ह… हां… और करो!”।

चाचा ने उसके बालों को सहलाया और अपनी चाल तेज कर दी। जब उनका लंड चूत की दीवारों से टकराता, तो पिंकी चिहक उठती और उनकी बाहों में कसकर लिपट जाती। कमरे का माहौल इतना गर्म हो गया था कि ठंड का नामो-निशान मिट चुका था।

चाचा ने पिंकी को अपनी गोद में बिठा लिया। उसने चाचा का लंड पकड़कर अपनी चूत में डाल लिया और ऊपर-नीचे होने लगी। चाचा ने उसकी बड़ी और टाइट चूचियों को मसलना शुरू कर दिया। वह अपनी चूत को नीचे से धक्के दे रहे थे, जबकि पिंकी ऊपर से उनकी गति का साथ दे रही थी।

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लगभग डेढ़ घंटे की इस ताबड़तोड़ चुदाई के बाद, दोनों एक साथ झड़ गए। चाचा का सारा वीर्य पिंकी की चूत के अंदर ही निकल गया। दोनों एक-दूसरे को कसकर पकड़े रहे और पंद्रह मिनट तक उसी अवस्था में लेटे रहे।

इसके बाद, चाचा ने दोबारा पेग बनाए। दोनों ने एक-एक पेग लिया और फिर एक-दूसरे की बाहों में सिमट गए। करीब दस मिनट तक और चुदाई करने के बाद, दोनों गहरी नींद में सो गए। यह रात पिंकी के लिए हमेशा यादगार रहने वाली थी।

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