जेठालाल ने किया बबिता और अंजली को एक रात में प्रेगनेंट-2

पिछला भाग पढ़े:- जेठालाल ने किया बबिता और अंजली को एक रात में प्रेगनेंट-1

दोस्तों TMKOC Sex Story के पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि मैं बबिता और अंजली को मां बनाने के लिए तैयार हो गया। फिर दूध खत्म होने की वजह ने उन्होंने मुझे उनका दूध पीने को कहा। अब आगे-

अब वो दोनों अपना गाउन और ब्लाउज निकालने लगी। मेरी आँखें चमक गई क्योंकि 2 साल से दया मायके गई थी और मैंने किसका दूध भी नहीं पिया था।

अब उन दोनों के मम्मे मेरे सामने खुल चुके थे, अंजली भाभी के दया जितने ही थे लेकिन टाइट थे, और बबिता जी का तो क्या ही बताऊं। उनके बड़े मम्मे मैंने ब्लाउज पर से देखे थे। लेकिन ऐसे पहली बार ही देख रहा था। मेरे तो होश ही उड़ गए। फिर मैंने किचन में जाके एक बड़ा सा कटोरा लाया और पहले अंजली भाभी के मम्मे दबाने लगा। उनको भी आनंद मिल रहा था और मैं तो खुश था ही। उनके मम्मों में से 250ml दूध निकला, और बबिता जी का तो क्या ही बताऊं। उनके मम्मे मेरे एक हाथ में आ भी नहीं रहे थे। मैंने उनके मम्मे दोनों हाथों से दबाए और क्या दूध निकला यार। उनके मम्मे में से करीब 1.5 लीटर दूध निकला। वो उस दूध को लेकर किचन में चली गई और उसमें 6 गोली डाल कर मुझे दिया।

मैंने वो दूध चखा। क्या स्वाद रहा था! इतना मीठा दूध मैंने कभी नहीं पिया था। फिर थोड़ी ही देर में मेरा बाबूराव खड़ा हो गया। मैंने बोला, “ये कैसे मुमकिन है?” फिर बबिता जी ने बताया कि, “इसमें 2 नहीं 6 गोली डाली है, वो भी हाय पावर वाली।” मैंने कहा, “ये आपने क्या किया बबिता जी? अब मेरा लंड 6 घंटे खड़ा ही रहेगा। मेरी तो हालत खराब हो जाएगी।”

फिर उन्होंने कहा कि, “कोई बात नहीं जेठा जी, आज अपना सारा रस हमारी चूत में छोड़ दो। आप मेरे लिए और अपने परम मित्र के लिए इतना तो कर ही सकते है।”

फिर अंजली भाभी ने भी उनकी हां मैं हां मिलायी। अब मैं भी मान गया।

अब मैंने उन दोनों के सारे कपड़े निकाल दिए और उन दोनों ने मेरे। फिर मैंने उन दोनों को बेड पर धकेल दिया। मेरा लंड लोहे के रॉड की तरह टाइट हो चुका था। फिर मैंने पूछा कि, “सबसे पहले कौन चुदना चाहेगा?” फिर बबिता जी ने कहा कि, “आप पहले मेरी आग मिटाओ। अब आगे से आप मुझे बबिता जी मत कहो। आज मैं तुम्हारी रण्डी हूं रण्डी।”

फिर मैंने कहा कि, “तब तक अंजली भाभी क्या करेंगी?” बबिता जी बोली कि, “तब तक वो मेरा दूध पिएंगी।” फिर मैं बोला, “आपका दूध अभी तक ख़तम नहीं हुआ?” वो बोली, “फैक्ट्री ही इतनी बड़ी है कि माल कभी खत्म ही नहीं होता।”

फिर अंजली भाभी दूध पीने लगी और मैं बबिता जी की चूत चाटने लगा। क्या रसीली चूत थी वाह! मेरा मन भरने के बाद मैंने अपना खड़ा लंड मेरी रण्डी (बबिता जी) के चूत में डाल दिया और झटके देने लगा। वो आह आह आह आह ऊंइमा ऊंऊंऊंऊंऊं आह आह फ़क फ़क फ़क फ़क फ़क फ़क फाड़ दे मेरी चूत भोसड़ी के मादरचोद निकाल ले अपनी गर्मी पूरी कर, अपनी हवस ऐसे चिल्लाने लगी। फिर मैं और जोर से अपना लंड चूत के अंदर-बाहर करने लगा। वो और चिल्लाने लगी आह आह आह फक मी हार्ड फॉक मी, कहने लगी।

फिर 20 मिनट की चुदाई के बाद मैंने अपना रस रण्डी की चूत में छोड़ दिया।

इतना करने के बावजूद मेरा लंड अभी तक बैठा नहीं था। अब अंजली भाभी की बारी थी। फिर बबिता जी उठ गई और उनकी जगह अंजली लेट गई। और अब मैंने पूछा कि, “बबिता जी अब आप क्या करेंगे?” वो सोचने लगी और अंजली भाभी को बोली, “क्या तुम मेरी चूत चाटना चाहोगी?” वो बिना किसी संकोच के हां बोली। फिर बबिता जी उनके मुंह पर बैठ गई।

अब मैंने अपना लंड अंजली भाभी के चूत पर रखा। उनकी चूत टाइट थी और छोटी थी। मेरा लंड उनकी चूत के मुकाबले बहुत बड़ा था। मैंने अपना 8 इंच का लंड उनकी चूत के अंदर डाला, पर वो अंदर घुस नहीं पा रहा था, जिसकी वजह से अंजली भाभी को बहुत दर्द होने लगा। वो आहहहहह निकाल लौड़े तेरा लौड़ा मेरी चूत में से निकाल, मादरचोद। फिर मैंने अपना लंड भाभी के टाइट चूत से बाहर निकाला।

फिर मैं बोला कि, “अब क्या करें भाभी? मेरा लंड तो अंदर घुस ही नहीं रहा है।” अंजली भाभी दर्द के और बच्चा नहीं हो पाएगा इस दुख के मारे रोने लगी। फिर बबिता जी बोली कि, “कोई बात नहीं अंजली भाभी, मेरे पास एक रास्ता है। पर वो बहुत दर्दनाक है। क्या आप वो करेंगे?”

अंजली भाभी बोली कि, “मैं आज बच्चा पैदा करने के लिए कुछ भी कर सकती हूं।” फिर मैंने बबिता जी को पूछा कि, “और वो रास्ता क्या है?” वो बोली, “हम अंजली भाभी की चूत पर झंडू बाम लगाएंगे, जिससे उनकी चूत खुलने में आसानी होगी।” यह सुन कर अंजली भाभी बहुत डर गई, क्योंकि बाम लगाने से बहुत दर्द होने वाला था।

फिर मैं बोला कि, “इससे अंजली भाभी बहुत हिलेंगी, जो मुझे लंड डालने में दिक्कत कर सकता है और मेरा लंड टूट भी सकता है। मैं यह नहीं करूंगा।” फिर बबिता जी बोली कि, “हम अंजली भाभी के दोनों हाथ एंड पांव बेड की रस्सी से बांध देंगे।” यह सुन कर अंजली भाभी बहुत डर गई, लेकिन उनको आज बच्चा पैदा करना था, इसलिए कुछ भी नहीं बोली।

फिर बबिता जी ने रस्सी लाई और हमने अंजली भाभी को बेड से टाइट बांध दिया।

फिर मैंने झंडू बाम निकाला और अंजली भाभी की चूत पर लगा दिया। वो बहुत तड़पने लगी, लेकिन वो हिल नहीं सकती थी, इसीलिए हमें गालियां देने लगी, “अरे मादरचोदो, ये क्या कर दिया तुम लोगो ने? जला दी मेरी चूत।” वो बहुत रोने लगी, लेकिन हम कुछ नहीं कर सकते थे।

इसके बाद मैंने मेरा लंड अंजली भाभी की चूत पर रखा, और जोर-जोर से धक्के देने लगा। अंजली भाभी चिल्लाने लगी, “उई मां उई ऊं ऊं ऊं ऊं मर गई रे, आह आह आह आह।” फिर मेरा लंड पूरी तरीके से अंदर चला गया, और उसके साथ बाम भी। अंजली भाभी रोने लगी, “मार डाला रे आह आह आह फ़क मी फ़क मी हार्ड, फ़क फ़क फ़क” ऐसे कहने लगी। फिर भी मैंने उनकी एक नहीं सुनी और 30 मिनिट तक उनको चोदता रहा। उनकी चूत में से फ़च फ़च फ़च ऐसी आवाजें आ रही थी। उसके बाद मैं उनके चूत में पूरी तरह से झड़ गया।

ऐसा करने के बाद हमने अंजली भाभी को आजाद कर दिया। वो उठते ही अपने चूत को सहलाने लगी। उनकी चूत लाल-लाल हो चुकी थी। अब मैं भी थक चुका था लेकिन मेरा लंड खड़ा ही था।

थोड़ी देर बाद मैंने बबिता जी और अंजली भाभी के साथ एक-एक राउंड और किया। अब उनकी चूतें अपना जवाब दे चुकी थी और पूरी तरीके से ढीली पड़ चुकी थी। फिर मैंने बबिता जी को कहा कि, “अब मेरा मन भर गया है तुम दोनों की चूतों से, अब और मन नहीं कर रहा है।” फिर वो दोनों एक-दूसरे की तरफ देखी और बोली कि, “अगर एक-एक राउंड और मिल जाए तो हम जरूर प्रेगनेंट होंगे।”

फिर मैं बोला कि, “आपकी चूतें तो अभी पूरी तरीके से ढीली पड़ गई है। अब मुझे मजा भी नहीं आएगा।” फिर बबिता जी बोली कि,‌ “अब आप हमारी चूत नहीं गांड मारोगे, और पानी निकालने के ठीक पहले अपना लंड हमारी फुद्दी (चूत) में डालोगे।” ये सुन कर मैं फिर से उत्साहित हो गया बिना संकोच के हा बोल दिया।

अब सवाल यह था कि मैं सबसे पहले लूंगा किसकी? इस बार बबिता जी ने बोला कि, “आप सबसे पहले अंजली भाभी की लेंगे, फिर बाद में मेरी, क्योंकि मेरी गांड बड़ी है आपको मज़ा भी ज्यादा आयेगा।

फिर मैंने भाभी को उल्टा लिटाया और उनकी चिकनी गांड पर दो-तीन थप्पड़ मारे। बाद में अपना लंड उनके छेद पर लगाया और धक्के देने लगा। वो आह आह आह फ़क फ़क फ़क डाल भोसड़ी के, फाड़ डाल मेरी गांड, कर दे दो टुकड़े आह आह करने लगी। मैं और जोर से धक्के देने लगा।

फिर वो हे मां फट गई रे मेरी गांड कह के चिल्लाने लगी। मैंने उनकी एक नहीं सुनी और धक्के मारता चला गया। 45 मिनिट बाद अब मेरा पानी निकले वाला था, इसीलिए मैंने अपना लौड़ा उनकी चूत में डाला और सारा पानी छोड़ दिया, और उनसे अलग हो गया। वो बहुत दर्द में थी, लेकिन खुश भी थी, क्योंकि अब वो प्रेगनेंट होने वाली थी।

फिर मैंने थोड़ा आराम किया और अपने लंड को बबिता जी के लिए तैयार किया। उसके बाद बबिता जी उल्टी लेट गई। क्या गांड थी वाह! इतनी बड़ी गांड मैंने पहली बार देखी, पर गांड के छेद के पास उनको झांटे भी थी। मैंने उनको पूछा कि, “यहां तो बहुत झांट है बबिता जी, मैं लौड़े को अंदर कैसे डालू?” पर वो बोली कि, “ये झांटे बस आपके लिए बचा कर रखी है, अय्यर को एक बार भी मैंने अपनी गांड मारने नहीं दी।”

ये सुन कर मैं उत्साहित हो गया और बोला कि, “अब मैं आपकी बहुत सेवा करूंगा। इस मौके के लिए धन्यवाद।” फिर बबिता जी बोली, “अब शुरू हो जाओ, तड़प बर्दास्त नहीं हो रही है।” मैं उनकी गांड को जीभ से चाटने लगा। बाजू में अंजली भाभी भी थी। तो मैंने उनको कहा कि, “आप भी इसका लुफ्त उठाइए, बहुत स्वादिष्ट है इनकी गांड।”

फिर अंजली भाभी एक पहाड़ और मैं एक पहाड़ चांट रहे थे। उसके बाद मैंने अपनी जीभ झांटों के बीच में से उनके छेद में डाल दी। क्या स्वाद था वाह! फिर बबिता जी बोली, “अब लंड भी डाल ही दो और रहा नहीं जा रहा है।”

फिर मैंने अपना लंड उनकी गांड में डाल दिया और जोर-जोर से धक्के देने लगा। मेरी जांघें उनकी गांड के पहाड़ों को टकरा कर फट फट फट फट धब धब धब कर रही थी। उसके बाद मेरा पूरा लौड़ा बबिता जी की गांड के घुस गया। वो आह आह आह फ़क मी हार्ड फ़क फ़क फ़क ऐसी आवाज करने लगी। फिर मैं और ज़ोर से धक्के लगाते रहा। 1 घंटा गांड मारने के बाद मेरा लंड पानी छोड़ने वाला था, तो मैंने लंड उनकी चूत में डाला और अपना वीर्य उनके नाम कर दिया।

ऐसे मैंने दोनों को अपना बच्चा दे दिया। इसके बाद भी हमारी चुदाई हर हफ्ते होती रही, ताकि उनका बच्चा हेल्थी पैदा हो सके।

 

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