वीडियो कालिंग से शादी, महीने से ससुर चोद रहा मुझे कोरोना काल में (Bahu apni Sasur se chudwati hai)

मेरा नाम सिमर है, मैं 19 साल की हूँ। मेरी जिंदगी शुरू से ही उलझनों भरी रही। मेरी अपनी माँ नहीं थी, और मैं अपनी सौतेली माँ के साथ रहती थी। मेरा बाप एक नंबर का हरामी था, उसने कभी मेरा ठीक से ख्याल नहीं रखा। सौतेली माँ के चक्कर में मैं फंसती चली गई। उसने तो पैसे लेकर मेरी शादी एक ऐसे आदमी से तय कर दी, जो दुबई में रहता था। सुना है लोग दहेज देते हैं, पर मेरी माँ ने उल्टा दहेज लिया और मेरी जिंदगी का सौदा कर दिया।

कोरोना के लॉकडाउन में मेरी शादी हो गई, वो भी वीडियो कॉलिंग के जरिए। सब कुछ इतना अजीब था, जैसे कोई सपना हो। शादी के बाद मैं ससुराल चली गई। ससुराल में सिर्फ मेरा ससुर था, अकेला। सास तो पहले ही किसी और के साथ भाग चुकी थी। ससुर एक अधेड़ उम्र का मर्द था, जो अकेले उस बड़े से घर में रहता था।

जिस दिन मैं विदा होकर ससुराल पहुंची, ससुर जी ने मुझे एक मंगलसूत्र थमाया। बोले, “ये तुम्हारे पति की तरफ से है। मेरा बेटा ही बोला था कि तुम्हें ये दे दूं।” मैंने मंगलसूत्र ले लिया और गले में पहन लिया। अच्छा-खासा भारी मंगलसूत्र था, सोने का, चमचमाता हुआ। ससुर के हाथों से वो निशानी मिलना अजीब सा लगा, पर मैंने ज्यादा नहीं सोचा।

दोस्तों, मैं भी कोई दूध की धुली नहीं थी। माँ के जाने के बाद मैं थोड़ी उड़दंड हो गई थी। लड़कों से दोस्ती करना, टिकटॉक बनाना, वीडियो कॉल पर घंटों बातें करना, यही सब मेरा शौक था। कई लड़के मेरे दीवाने थे। दो लड़कों के साथ तो मैं पहले ही चुदाई कर चुकी थी। शादी से पहले मैं सोचती थी कि शादी के बाद खूब मस्ती करूंगी, दुबई चली जाऊंगी, और जिंदगी की मौज लूंगी। लेकिन ये लॉकडाउन और कोरोना ने सारे सपने चूर-चूर कर दिए।

शाम को ससुराल में पहला दिन था। मैंने खाना बनाया, ससुर जी ने घर के कुछ काम निपटाए। हम दोनों ने साथ बैठकर खाना खाया। खाना खाने के बाद ससुर जी अपने कमरे में सोने चले गए। मैंने बर्तन धोए और फिर याद आया कि सौतेली माँ ने कहा था, “अब वही तेरा बाप है, उसकी सेवा करना।” मैंने सोचा, चलो, ससुर जी के पैर में तेल ही लगा दूं।

उनके कमरे में गई। ससुर जी लुंगी और बनियान में लेटे थे। देसी धारीवाला अंडरवियर पहना था, ढीला-ढाला सा। मैंने तेल की शीशी उठाई और उनके पैरों पर तेल लगाना शुरू किया। पहले तो वो मना करते रहे, बोले, “रहने दे, बेटी, इसकी क्या जरूरत?” लेकिन मैंने जिद की, “नहीं, ससुर जी, माँ ने कहा है, आपकी सेवा करनी है।” आखिरकार वो मान गए और बोले, “ठीक है, लगा दे।”

इसे भी पढ़ें:  Office sex story :पंजाबन की चूत की सील बॉस ने तोड़ी

उन्होंने लुंगी थोड़ी ऊपर कर ली। मैं उनके पैरों पर तेल मलने लगी। उनके मोटे, मजबूत पैरों को छूते ही मेरे बदन में एक अजीब सी सिहरन दौड़ गई। ससुर जी का शरीर पहलवान जैसा था, मसल्स उभरे हुए, ताकतवर। मैं तेल लगाती रही, और पांच मिनट भी नहीं बीते थे कि उनकी लुंगी में तंबू बन गया। उनका लौड़ा खड़ा हो गया था, और वो उसे छुपाने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन वो मोटा, लंबा लौड़ा लुंगी और अंडरवियर में छुपने वाला नहीं था।

मैं समझ गई कि बूढ़ा गरम हो रहा है। और सच कहूं, मुझे भी कुछ-कुछ होने लगा था। पहले कभी किसी मर्द को इस तरह तेल लगाते हुए नहीं देखा था। उनके मजबूत शरीर को छूते हुए मेरी चूत में हल्की सी गुदगुदी होने लगी। मैंने जानबूझकर अपनी उंगलियों को उनके जांघों की तरफ बढ़ाया। ससुर जी की सांसें तेज होने लगीं। वो अब चुप थे, बस मुझे देख रहे थे।

मैंने हिम्मत की और धीरे से उनका लौड़ा पकड़ लिया। वो चौंक गए, लेकिन कुछ बोले नहीं। मैंने हल्के से लौड़े को सहलाया। वो और सख्त हो गया। मैं अब और नहीं रुक सकी। मैं उनके ऊपर चढ़ गई, उनकी बनियान ऊपर की और उनके पेट पर तेल मलने लगी। उनका चौड़ा, मसल्स वाला पेट मेरे हाथों के नीचे गर्म लग रहा था। ससुर जी का लौड़ा अब मेरी चूत के पास धक्के मारने लगा। मैंने महसूस किया कि वो और मोटा, और सख्त हो गया था।

मैं अब पूरी तरह गरम हो चुकी थी। मैंने अपनी साड़ी का पल्लू सरका दिया। लाल रंग की साड़ी थी, जो मैंने शादी के बाद पहनी थी। मैंने ब्लाउज के बटन खोल दिए। मेरी छोटी-छोटी, नींबू जैसी चूचियां ब्रा से आजाद हो गईं। मैंने ब्रा भी उतार फेंकी। ससुर जी की आंखें मेरी चूचियों पर टिक गईं। वो अब मेनी बाहों में जकड़ लिया और मुझे अपनी छाती से चिपका लिया।

उनके मजबूत हाथ मेरी कमर पर फिसलने लगे। मैंने उनकी बनियान पूरी तरह उतार दी। उनका नंगा, पहलवान जैसा शरीर मेरे सामने था। मैं उनके सीने पर हाथ फेरने लगी, उनके मसल्स को सहलाने लगी। ससुर जी अब बेकाबू हो रहे थे। उन्होंने मेरी चूचियों को अपने बड़े-बड़े हाथों में लिया और जोर-जोर से दबाने लगे। मेरी चूचियां छोटी थीं, लेकिन वो उन्हें ऐसे मसल रहे थे जैसे कोई रसीले फल हों। फिर उन्होंने एक चूची को अपने मुंह में ले लिया। उनकी गर्म जीभ मेरे निप्पल पर घूमने लगी। मैं सिसकारियां लेने लगी, “आह… ससुर जी… धीरे…”

इसे भी पढ़ें:  Pati Ne Karai Bahu Sasur Ki Chudai-5

वो मेरे निप्पल को चूसते, हल्के से काटते, फिर दूसरी चूची को अपने मुंह में ले लेते। मेरी चूचियां उनके मुंह में पूरी समा रही थीं। मैं पागल सी हो रही थी। मेरी चूत अब पूरी तरह गीली हो चुकी थी। मैंने उनकी लुंगी खींचकर उतार दी। उनका मोटा, लंबा लौड़ा मेरे सामने था, जैसे कोई लोहे का डंडा। मैंने उसे अपने हाथ में लिया और सहलाने लगी। ससुर जी की सिसकारियां निकलने लगीं।

उन्होंने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और मेरी साड़ी पूरी तरह उतार दी। अब मैं सिर्फ पेटीकोट में थी। वो मेरे ऊपर चढ़ गए। पहले तो मेरे होंठों को चूसने लगे। उनकी जीभ मेरे मुंह में थी, मेरी जीभ से खेल रही थी। फिर वो नीचे गए और मेरी चूचियों को फिर से चूसने लगे। वो एक चूची को मुंह में लेते, दूसरी को अपने हाथ से मसलते। मैं “आह… ऊह…” की आवाजें निकाल रही थी।

फिर ससुर जी और नीचे गए। उन्होंने मेरा पेटीकोट खोल दिया। मेरी चूत उनके सामने थी, पूरी तरह गीली। उन्होंने मेरी दोनों टांगें चौड़ी कीं और मेरी कमर के नीचे एक तकिया रख दिया, ताकि मेरी चूत और ऊपर उठ जाए। अब वो मेरी चूत के साथ खेलने लगे। पहले उन्होंने अपनी उंगली मेरी चूत पर फेरी। मेरी सिसकारियां तेज हो गईं। फिर वो अपनी जीभ से मेरी चूत को चाटने लगे। उनकी गर्म जीभ मेरी चूत के दाने को छू रही थी। मैं पागल हो रही थी। वो कभी जीभ, कभी उंगली, कभी अपने दांतों से मेरी चूत को रगड़ते।

“ससुर जी… आह… और करो… मत रुको…” मैं चिल्ला रही थी। मेरी चूत से पानी बह रहा था। उन्होंने अपनी नाक मेरी चूत पर रगड़ी, फिर पूरा मुंह मेरी चूत में घुसा दिया। मैं सिसकारियां ले रही थी, मेरा जिस्म जल रहा था। मेरी चूत अब और बर्दाश्त नहीं कर सकती थी।

मैंने उनसे कहा, “ससुर जी, अब डाल दो… और मत तड़पाओ…” उन्होंने अपना मोटा लौड़ा मेरी चूत पर सेट किया। मैंने अपनी टांगें और चौड़ी कर लीं। उन्होंने एक जोरदार धक्का मारा और उनका लौड़ा मेरी चूत में पूरा घुस गया। मैं पहले भी चुद चुकी थी, तो दर्द ज्यादा नहीं हुआ, लेकिन मैंने थोड़ा नाटक किया। “आह… ससुर जी… धीरे… दर्द हो रहा है…”

वो बोले, “पहली बार होता है बेटी, फिर मजा आएगा।” मैंने मन ही मन हंसी, बूढ़े को बेवकूफ बना रही थी। मैंने अपनी गांड उठाकर धक्के देने शुरू किए। ससुर जी भी अब जोर-जोर से धक्के मारने लगे। उनका मोटा लौड़ा मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर-बाहर हो रहा था। मैं नीचे से अपनी गांड उछाल रही थी, ताकि उनका लौड़ा और गहराई तक जाए।

इसे भी पढ़ें:  Bhai-Bahan Chudai Kahani :भाई का लंड भाया मेरे मन

“आह… ससुर जी… और जोर से… चोदो मुझे…” मैं चिल्ला रही थी। वो मेरे ऊपर झुके हुए थे, उनके मसल्स मेरे जिस्म को दबा रहे थे। कमरे में सिर्फ हमारी सिसकारियों और धक्कों की आवाज गूंज रही थी।

करीब आधे घंटे तक ये चुदाई चलती रही। ससुर जी का लौड़ा मेरी चूत को रगड़ता रहा। मैं दो बार झड़ चुकी थी, मेरी चूत से पानी बह रहा था। आखिरकार ससुर जी भी झड़ गए। उनका गर्म माल मेरी चूत में भर गया। वो मेरे ऊपर ही लेट गए, हम दोनों की सांसें तेज चल रही थीं।

वो उठे और मुझे अपनी बाहों में ले लिया। बोले, “बेटी, तूने मुझे जवान कर दिया।” मैं हंसी और उनके सीने पर सिर रख लिया।

दोस्तों, उस दिन से ससुर जी मेरा हनीमून मना रहे हैं। हर रात वो मुझे चोदते हैं। मेरी नींबू जैसी चूचियां अब थोड़ी बड़ी हो गई हैं। मेरा पति दुबई में बैठकर वीडियो कॉल पर मेरी चूचियां देखता है और मूठ मारता है। ससुर जी मेरे असली पति बन गए हैं। हर रात मेरी चूत को चोदकर वो मुझे खुश रखते हैं।

Leave a Reply